विडंबना : भारत में राष्ट्रपति बनने के लिए हिंदी जानना जरूरी नहीं, जबकि डाकिया की नौकरी के लिए अंग्रेजी का ज्ञान होना आवश्यक है.


Sunday 18 April 2010

संपादन की चूक - 1

किसी समाचार या लेख के संपादन में यह ध्यान देना जरूरी है कि हम जो जानकारी अपने पाठकों को देना चाहते हैं, वह उनके लिए कितना उपयोगी है. 'किक स्टार्ट मॉर्निंग' शीर्षक से प्रकाशित लेख में सुबह दिन की शुरुआत कैसे करें, इस संबंध में उपयोगी जानकारी दी गयी है, लेकिन लेख का चयन करते समय या संपादन के दौरान इस बात पर ध्यान नहीं दिया गया कि इसके कुछ अंश हिंदी का अखबार पढ़ने वाले पाठकों के लिए उपयोगी नहीं हैं. लेख में सलाह दी गयी है कि सुबह अखबार पढ़ते समय 'पेज-1 नहीं पहले पेज-3 पढ़ें'. इसमें पेज-3 में प्रकाशित होने वाले जिस तरह के समाचारों का जिक्र किया गया है, वे हिंदी नहीं, अंग्रेजी के अखबारों में प्रकाशित होते हैं, वह भी विदेश के समाचारपत्रों में. भारत हिंदी के लगभग सभी समाचारपत्रों में पेज-3 पर तो गंभीर खबरें प्रकाशित होती हैं. कई अखबारों में तो पेज-3 पर अपराध से संबंधित खबरें प्रकाशित होती हैं. यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि 'किक स्टार्ट मॉर्निंग' शीर्षक से प्रकाशित लेख में उपशीर्षक 'पेज-1 नहीं पहले पेज-3 पढ़ें' वाला हिस्सा हिंदी के समाचारपत्रों के पाठकों के लिए कितना उपयोगी है.

4 comments:

  1. आपके चिट्ठे की विशिष्टता देखकर सुखद आश्चर्य हो रहा है। आप द्वारा सबसे उपर प्रस्तुत की गयी बिडम्बना अत्यन्त सार्थक एवं सारगर्भित है।

    ReplyDelete
  2. बहुत सुंदर बात कि आप ऐसे लेख लाते है, जिससे हम कुछ सीख सके।

    ReplyDelete
  3. बहुत सुंदर बात कि आप ऐसे लेख लाते है, जिससे हम कुछ सीख सके।

    ReplyDelete
  4. आगे भी तो कुछ लिखो

    ReplyDelete