किसी शब्द में 'करण' के जुड़ने पर होने वाली भूलें
जब 'करण' किसी शब्द में जुड़ता है, तब किसी कार्य के होने का या वह जो कुछ किया जाए, उसका बोध कराता है. 'करण' प्रायः विशेषण से जुड़ता है. यह जिस शब्द से जुड़ता है, उसके अंतिम वर्ण को 'ईकार' कर देता है.


कुछ ऐसे भी शब्द हैं, जो करण में उपसर्ग लगा कर बनाये जाते हैं. हिंदी के दो उपसर्ग अधि और अभि में करण जुड़ने से अधिकरण और अभिकरण शब्द बनते हैं. उपसर्ग के मूल रूप में परिवर्तन नहीं होने से उसका अंतिम वर्ण ईकार नहीं होता है. समानाधिकरण और प्राधिकरण भी अधिकरण शब्द से ही बने हैं.
'करण' जुड़ने से बने शब्दों के कुछ उदाहरण नीचे दिये गये हैं :-
सशक्त से सशक्तीकरण, संतुष्ट से संतुष्टीकरण, तुष्ट से तुष्टीकरण, शुद्ध से शुद्धीकरण, प्रस्तुत से प्रस्तुतीकरण, सौंदर्य से सौंदर्यीकरण, पुष्ट से पुष्टीकरण, समष्ट से समष्टीकरण, संस्कृत से संस्कृतीकरण, मानक से मानकीकरण, पवित्र से पवित्रीकरण, निःशस्त्र से निःशस्त्रीकरण, साधारण से साधारणीकरण, उदार से उदारीकरण, लवण से लवणीकरण, विलवण से विलवणीकरण, नव से नवीकरण, विशेष से विशेषीकरण, नूतन से नूतनीकरण, सुंदर से सुंदरीकरण, सम से समीकरण, संक्षिप्त से संक्षिप्तीकरण, स्पष्ट से स्पष्टीकरण, विद्युत से विद्युतीकरण, पश्चिम से पश्चिमीकरण, पाश्चात्य से पश्चात्यीकरण, औद्योगिक से औद्योगिकीकरण, राजनैतिक से राजनैतिकीकरण, आधुनिक से आधुनिकीकरण, नवीन से नवीनीकरण.
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