विडंबना : भारत में राष्ट्रपति बनने के लिए हिंदी जानना जरूरी नहीं, जबकि डाकिया की नौकरी के लिए अंग्रेजी का ज्ञान होना आवश्यक है.


Wednesday 3 March 2010

हिंदी शब्दों के उपयोग में भ्रमवश होने वाली अशुद्धियां-3

बैंकों में लूट दिनदहाड़े ही होती है
आमतौर पर अखबारों में समाचार वैसी घटनाओं के आधार पर बनते हैं, जो सामान्य प्रकृति और नियमों के विरुद्ध होते हैं. वर्षों पहले चोरी, लूट व डकैती की घटनाएं अक्सर रात में ही होती थीं. उन दिनों इस तरह के अपराध दिन में होने पर आश्चर्य होना स्वाभाविक था. भारत में अधिकतर बैंक दिन में ही खुलते हैं और उनमें लेनदेन दिन में ही होता है. जिन बैंकों में दिन में कार्य होता है, उनमें लूट की संभावना भी दिन में ही रहती है. इसलिए अगर दिन के समय में किसी बैंक में लूट की घटना होती है, तो संबंधित समाचार में दिनदहाड़े शब्द का उपयोग करना गलत होगा. बैंक दिन में खुलेंगे, तो लूट की घटना भी दिन में ही होगी. वाक्य में एक साथ 'दोपहर दिनदहाड़े' लिखना तो बिल्कुल गलत है, दोपहर भी दिन में ही होती है. हेडिंग में 'दिनदहाड़े बैंक लूटा' पढ़ कर ऐसा लगता है कि जहां लूट की घटना हुई है, उस बैंक का नाम 'दिनदहाड़े बैंक' है, जैसे 'देना बैंक' 'इलाहाबाद बैंक'.

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