हिंदी अनेक राज्यों की मातृभाषा है. यह विदेशों में भी बोली जाती है. विभिन्न राज्यों में इसकी उपभाषाएं भी हैं. भौगोलिक सीमाओं से ऊपर उठा कर अंतरराष्ट्रीय भाषा का रूप देने के लिए हिंदी का एक मानक रूप स्वीकृत किया गया है. हिंदी की एक और विशेषता है कि यह जैसी बोली जाती है, वैसी ही लिखी भी जाती है. अक्सर गलत शब्दों का चयन या सही उच्चारण नहीं होने के कारण अर्थ का अनर्थ हो जाता है. कई बार अनावश्यक शब्दों का उपयोग भी किया जाता है.
'मेहरानगढ़ दुर्ग हादसे की जांच कर रही है पुलिस : सेन' शीर्षक में मेहरानगढ़ से स्पष्ट है कि यहां किसी विशेष दुर्ग की चर्चा की जा रही है. शीर्षक में दुर्ग शब्द लिखने की कोई जरूरत नहीं थी. दूसरे शब्दों में इसे पुनरुक्ति दोष कहा जा सकता है. गढ़ और दुर्ग दोनों का अर्थ किला होता है. इसलिए यहां 'मेहरानगढ़ हादसे की जांच कर रही है पुलिस : सेन' या ''मेहरानगढ़ दुखांतिका' लिखा जाना काफी था.
'इंस्पायर्ड अवार्ड पाकर खुश हुए विद्यार्थी' शीर्षक से लगता है कि पुरस्कार प्रेरणा से भरा हुआ है. पुरस्कार प्रेरित नहीं होता, बल्कि पुरस्कार से प्रेरणा मिलती है. यहां 'इंस्पायर्ड' की जगह 'इंस्पायर' लिखा जाना चाहिए था. दरअसल 'इंस्पायर' शब्द 'INSPIRE' है. इसका पूरा अर्थ होता है - 'Innovation in Science Pursuit for Inspired Research'. यह केंद्र सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की एक पुरस्कार योजना है, जिसके तहत स्कूलों के विद्यार्थियों को विज्ञान पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. इसके तहत प्रत्येक स्कूल के दो विद्यार्थियों को (कक्षा छठी, सातवीं व आठवीं से एक और कक्षा नौवीं व दसवीं से एक) पांच-पांच हजार रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है, ताकि वे विज्ञान से संबंधित मॉडेल या प्रोजेक्ट बना सकें.
'सैलाब' फारसी शब्द है. इसमें दो शब्द मिले हुए हैं, सैल और आब. सैल का अर्थ होता है बहाव और आब का मतलब होता है पानी. इस प्रकार सैलाब का अर्थ हुआ पानी की बाढ़, जल प्लावन या नदी की बाढ़. अक्सर समाचार के शीर्षकों में सैलाब का उपयोग होता है. 'शीतला के द्वार सैलाब' शीर्षक से तो लगता है, जैसे शीतला माता के मंदिर में पानी की बाढ़ आ गई हो. यहां 'शीतला के द्वार उमड़े श्रद्धालु' लिखना उचित होता. इसी प्रकार भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा की जगह उमड़े भक्त, श्रद्धा का सैलाब की जगह उमड़ी श्रद्धा, श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा की जगह उमड़े श्रद्धालु और जुलूस में उमड़ा सैलाब की जगह जुलूस में उमड़ा जनसमूह लिखना ज्यादा उचित होता.
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